ओस

ओस

वो सुबह जब  ओस से भरी देखी  लगा ज्यों रात ने  विरह की घड़ी देखी  घूँघट कोहरे का ओढ़कर  लाजवँती-से लजाते लाल सूरज … पढ़ना जारी रखें ओस